Swati Sharma

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लेखनी कहानी -07-Nov-2022 हमारी शुभकामनाएं (भाग -17)

हमारी शुभकामनाएं:-

कृष्ण जन्माष्टमी:-

                       कृष्ण जन्माष्टमी, भारत में एक प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है। इस दिन को भगवान कृष्ण के जन्म के जश्न के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु के 8वें अवतार थे। भगवान कृष्ण के जीवन की कथा और कहानियों को कृष्ण लीला के रूप में जाना जाता है। कथा के अनुसार, कृष्ण का जन्म मथुरा के यादव वंश में रानी देवकी और उनके पति राजा वासुदेव के यहां हुआ था।
                       भगवान कृष्ण के जीवन की कथा और कहानियों को कृष्ण लीला के रूप में जाना जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने मामा कंस का वध कर माता देवकी और पति वासुदेव को कारागार से मुक्त किया।
                        भूमिका को कृष्णा जन्माष्टमी का पर्व बहुत ही अच्छा लगता था। वह हमेशा कृष्ण जन्माष्टमी पर कन्हाजी के लिए नए से देर वस्त्र बनाती और कभी- कभी बाज़ार से उनके लिए नया मुकुट भी लेकर आती थी। हमेशा सांय काल में उनकी झांकी सजाती । तरह तरह के पुष्प से रंगीन गोटे से और भी जो कुछ सजावट की वस्तुएं होती वह उससे उनकी झांकी सजाती थी। 
                         पिछली कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर तो वह कन्हाजी के लिए बाज़ार से एक बंसी भी लाई थी। इस बार भी ऐसा ही कुछ करने के बारे में उसने सोचा था। परंतु, उसे कहां पता था कि इस बार की कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व उसके लिए और भी सौगात लेकर आएगा।
                         वह सौगात यह थी कि जब भूमिका कॉलेज गई तब मेम ने सभी शिष्याओं के सामने एक आयोजन के विषय में चर्चा की और उन्हें बताया की हर वर्ष उनके कॉलेज में कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर एक प्रतियोगिता का आयोजन होता है। जिसमें उनको कृष्ण और राधिका बनना होता है। उस दिन नाच, गाना, भजन एवम कुर्सी दौड़ का भी आयोजन रखा गया और कन्हाजी की प्रतिमा की झांकी और भोग का भी इंतज़ाम करने को कहा।
                         सभी लड़कियों के मध्य चर्चा चल रही थी कि कृष्ण कौन बनेगा और राधा कौन बनेगा। सभी ने अपने पार्टनर चुन लिए। परंतु, एक लड़की को उसका कृष्ण नहीं मिल पा रहा था। सभी में चर्चा चल रही थी। तभी भूमिका उस लड़की का कृष्ण बनने हेतु तत्पर हो गई।
                          फिर क्या था कॉलेज से घर जाकर उसने यह बात अपने मां पिताजी को भी बताई तो वे बहुत खुश हुए और उसके पिताजी उसके लिए बाजार से कृष्ण की एक पोशाक भी ले आए। चूंकि कन्हाजी की प्रतिमा लाने की ज़िम्मेदारी भी मेम ने भूमिका को ही दी थी। अतः उसने उनके लिए एक सुंदर सा झूला तैयार करके उसे रंग- बिरंगे लेस के बने फूलों से सजा दिया।
                           दूसरे दिन जब सभी लड़कियां और में कॉलेज में उपस्थित हुए। मेम ने भूमिका के बनाए गए झूले और कन्हजी की सजावट की खूब प्रशंसा की और उसके कृष्ण बने श्रृंगार की भी। सभी ने आयोजनों में खूब नाचा - गाया और कृष्ण संवाद बोलकर आप परिचय भी दिया। अंत में सभी ने भगवान श्री कृष्ण को नहलाकर भोग लगाया, आरती गाई और मेम ने सभी में प्रसाद का वितरण किया। सभी बहुत ही प्रसन्नता लिए अपने- अपने घरों की ओर चल दिए।
                           अगले दिन जब सभी लड़कियां फिर से कॉलेज आईं तब मेम ने प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया और कृष्ण बनी भूमिका ने उसमें प्रथम स्थान अर्जित किया। अतः उसने अंतर्मन में श्री कृष्ण भगवान को कोटि कोटि नमन करते हुए धन्यवाद दिया। आज उसके कृष्ण बनने का बचपन का स्वप्न पूर्ण हो गया था। इसीलिए इस बार का कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व उसके लिए एक सुंदर यादगार बन गया।

#30 days फेस्टिवल / रिचुअल कम्पटीशन

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8 Comments

Gunjan Kamal

17-Nov-2022 02:21 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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Swati Sharma

17-Nov-2022 03:16 PM

शुक्रिया

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Rafael Swann

14-Nov-2022 11:51 PM

Umda 👏🌸😊👍🌹

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Swati Sharma

15-Nov-2022 09:10 AM

शुक्रिया 🙏🏻😊💐

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Khushbu

13-Nov-2022 05:47 PM

Nice 👍🏼

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Swati Sharma

13-Nov-2022 06:47 PM

Thanks

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